Monday, July 16, 2018

हिंदी कविता || बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ || रंजना देब||



बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ प्रधान मंत्री ने नारा दिया । बेटा बचाओ, बेटा बसाओ  विपक्ष इस पर अड़ गया । बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ यह राष्ट्र की प्रगति है । राज परिवारों के बेटों को बचाना देश की बर्बादी है ।
शाही परिवारों ने वर्षो से सिर्फ एक ही सपना सजाया है सात पुश्तें राज करेंगीं,
सत्ता अपनी जागीर है ।
वह भी एक वक़्त था सपनो सा एहसास था शाही खानदान में जन्म लेते ही सत्ता का दावेदार बन जाना, राजमहल में आराम करना संसद में भी सो जाना, गुजरे ज़माने की कहानी है जो चारो ओर इनकी जय जयकार थी डाकुओ सी लूट मचाये ऐसी इनकी सरकार थी मनोरंजन के लिए देश विदेशो घूमते थे
राहुल गाँधी, सचिन, ज्योतिरादित्य
शान से राज करते थे, अब धुप और बारिश में भी मारे मारे फिरते है, उमर और सुरजेवाला सत्ता की शोभा बढ़ाते थे, ऐसी सुनामी चली है देखो बेचारो का किला ढह गया दिग्विजय के बेटो जैसो का धंदा तो बसाने से पहले ही उजाड़ गया लालू पुत्र तेज, तेजस्वी की नैया सूखे में ही डूब गयी, सारे बेटों का काम धंदा एकदम चौपट हो गया थोक के भाव में सारे बेटे हो गये बेरोजगार, तभी विरोधी खेमे में मच गया हाहाकार, बेटा बचाओ, बेटा बसाओ यही इनका मूलमंत्र है । सिर्फ वंशवाद ही चलाना है लोकतंत्र तो दिखावा है ।
अब देखो आपको किसे बचाना है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ या फिर बेटो को सेट करना है !! रंजना देब
Keywords: बेटीबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, हिंदी कविता, कविता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कांग्रेस में वंशवाद, beti bachao beti padhao, hindi poem, congress,

URL: A poem about beti bachao beti padhao by Ranjana deb  
बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, हिंदी कविता, कविता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कांग्रेस में वंशवाद, beti bachao beti padhao, hindi poem, congress, 

No comments:

Post a Comment

Kapil sibal

सुनो सुनो देवी सज्जनों सुनो सिब्बल की कहानी कांग्रेस की पोल खोलने को जब सिब्बल ने ठानी सुनो! सुनो कहानी... गली गली में शोर है, राजीव गाँध...