राहुल गाँधी का जन्म देश को कलंकित करने के लिये ही हुआ है l राहुल गाँधी देश का
गौरव् कभी नहीं बड़ा सकते l यह बात राहुल गाँधी के भाषण से स्पष्ट हो जाती है l
भारत के पुरुष महिलाओ का सम्मान नहीं करते, भारत महिलाओं के
लिए असुरक्षित जगह है l राहुल गाँधी, कांग्रेस अध्यक्ष l
राहुल गाँधी अगर भारत के प्रधानमंत्री बने तो वह देश के
गौरव होंगे और मेरे भी प्रधानमंत्री होंगे इसलिए मैं हमेशा उनमें कुछ खूबी खोजती
हूँ की कुछ उनके बारे में अच्छा लिखू उनके एक भी विचार से मै सहमत नहीं, पर सोशल
मीडिया पर उनके विरोध में हमेशा लिखना उनके प्रति अनादर होगा, ऐसा मै कई बार महसूस
भी करती हूँ l मैं हमेशा उनके प्रति एक निष्पक्ष विचार रखना चाहती हूँ, पर राहुल
गाँधी रोज़ एक नया विवादित मुद्दा पकड़ा देते है l राहुल गाँधी एक ऐसा व्यक्ति है जो
अपनी विवेकहीनता अन्तराष्ट्रीयस्तर पर दर्ज करना चाहते है l उन्होंने गौरवमयी भारत
की गरिमा का कभी ख्याल नहीं किया l
राहुल गाँधी ने अन्तराष्ट्रीयस्तर पर “हिन्दू आतंकवादी”
घोषित कर दिया था, उसके बाद आज तक लगातार “हिन्दू आतंकवादी” शब्द घूम रहा है, और
अब जर्मनी की हेम्बर्ग में 23 देशों के प्रतिनिधियों के सामने भारत को यह कह कर कलंकित
कर दिया की “भारत के पुरुष महिलाओं के खिलाफ हिंसा करते है,भारत के पुरुष महिलाओं
का सम्मान नहीं करते, भारत में महिलाएं असुरक्षित हैं” l
ऐसा कहकर राहुल गाँधी ने महिलाओ में नीचा दिखाया, महिलायों
में असुरक्षा की भावना को बढाया और भारत
के सम्पूर्ण पुरुष समाज को कलंकित करके उनको कठघरे में खड़ा कर दिया l
अगर ऐसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बनेगा तो भारत की विश्वस्तर
पर कैसी छवि बनेगी ? क्या स्थिति होगी देश की ? राहुल गाँधी को पता नहीं की भारत को
हिंदुस्तान क्यूँ कहा जाता है l अवसरवाद
खोजते हुए नकली हिन्दू जनेऊधारी राहुल गाँधी को हिन्दू धर्मग्रन्थ का अणुमात्र
ज्ञान नही है और वह प्रधानमंत्री बनने चलें है l राहुल गाँधी कहते है की “कांग्रेस
मुसलमानों की पार्टी है” पर वह यह भूल जाते हैं कि बहुसंख्यक हिन्दुओ के राष्ट्र हिंदुस्तान
का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं ना कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने का l
राहुल गाँधी 2019 इलेक्शन में जिन पांच मुख्य मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे उसमें महिला
सुरक्षा को भी शामिल किया गया है, इसलिए इस बारे में महिलायों पर यह लेख “श्री
शक्ति” और “कांग्रेस और महिला सुरक्षा” दो भाग में लिखूंगी l
आज पहला भाग लिख रही हूँ, “स्त्री शक्ति और भारत”
हिन्दू बहुसंख्यक देश भारत में स्त्री शक्ति का सम्मान अतुलनीय
है l हमारे धर्मग्रन्थ की बात करे तो स्त्री को सर्व शक्ति प्रदान की गयी है l
हमारे भगवान के नाम से पहले उनके पत्निओं की नाम लगाया जाता है जैसे लक्ष्मी-नारायण,
गौरी-शंकर, उमा-शंकार, राधा-कृष्णा, सिया-राम या सीता-राम आदि l हिन्दुओं में पत्नी
को अर्धार्गिनी कहा गया है, अर्धांगिनी अर्थात आधे जीवन, शरीर की मालकिन l हिन्दू
धर्म में स्त्री शक्ति का रूप, माँ काली दुष्ट को दंड देनेवाली संहार की प्रतिक,
माँ लक्ष्मी अष्टलक्ष्मी रूप से धन-धान्य, सौभाग्य, रूपयौवन काम, संतानसुख, अमृत, योग,
भोग व सत्य की प्रतिक, माता सरस्वती ज्ञान, ध्यान, वाणी व समस्त कलाओं की प्रतिक
है, माँ दुर्गा महिषासुर मर्दिनी शक्ति की प्रतिक और इसी भाव से हमारी देविओं को
पूजा जाता है l आज भी कन्या पूजन जैसी प्रथाए इस बात की पुष्टि करती है की भारत
में स्त्री का क्या सम्मान है l
हिन्दुओं में स्त्री का स्थान कितना गरिमा पूर्ण है इसे
जानने के लिये महाभारत की एक कथा का उल्लेख करना जरुरी है :- महाराज शांतनु को
माता गंगा से प्रेम हो गया और शांतनु ने माता गंगा को विवाह का प्रस्ताव दिया,
माता गंगा ने एक शर्त रखी की “मै कुछ भी करुँगी आप प्रश्न नहीं करेंगे और न ही
बाधा डालेंगे, जिस दिन आप मुझे किसी भी काम को करने से रोकेंगे उस दिन में आपको
छोड़कर चली जाउंगी l महाराज शांतनु ने गंगा की यह शर्त मानते हुए विवाह कर लिया l विवाह
के बाद जब माता गंगा के प्रथम पुत्र का जन्म हुआ तब माता गंगा ने अपने पुत्र को
नदी में बहा दिया l इसे महाराज शांतनु बहुत आश्चर्यचकित और व्यथित हुये पर वचन दिया
था कि कोई प्रश्न नहीं पूछेंगे इसलिए कुछ नहीं कहा l ऐसे ही माता गंगा ने सात
पुत्र को जन्म दिया और सारे पुत्रों को नदी में बहा दिया l महाराज शांतनु का धर्य
का बांध टूट चूका था अब उन्होंने गंगा को रोकने का निर्णय ले लिया l माता गंगा का
आठवां पुत्र देबव्रत का जन्म होते ही माता गंगा उसे बहाने ले गयी तब महाराज शांतनु
ने गंगा को रोक लिया l अपने शर्त के अनुसार माता माता गंगा ने पुत्र को शांतनु को
सौपकर चली गयी l गंगा पुत्र देबव्रत भीष्म नाम से प्रसिद्ध हुये l नारी को अपना
अधिकार, अपनी शर्त रखने की जितनी क्षमता भारत में दी जाती रही है, यह कहीं नहीं
है, इसका सबसे सुन्दर उदाहारण है यह कथा l
दशरथ पुत्र श्रीराम को राज्य अभिषेक के दिन वनवास सिर्फ
इसलिए दिया गया था कि दशरथ की पत्नी कैकेयी ने एक युद्ध में महाराज दशरथ के प्राण बचाए
थे, तब दशरथ ने प्रसन्न होकर उन्हें दो वरदान मांगने के लिए कहा था l कैकेयी ने
समय आने पर मांगने की बात कहकर टाल दिया था और श्रीराम का राज्य अभिषेक के दिन
कैकियी ने अपने दोनों वरदान मांग लिए l पहला राम को चौदह वर्ष वनवास दूसरा अपने
पुत्र भरत को राजा बनाया जाये l दशरथ चाहते तो कैकेयी की गलत मांग पर उनकी हत्या
कर देते, पर उनकी हर मांग पूरी हुई l कैकियी की गलत मांग को भी अधिकार के रूप में
देने का गाथा भारत में है हमारे देश में l कैकेयी की उसी मांग के चलते राम वनवास
गये, दशरथ का उसी दुःख से मृत्यु हो गयी l इस कहानी का दूसरा पहलु यह है की कैकियी
वीरांगना, युद्ध कला में पारंगत थी तभी दशरथ के प्राण बचा पायी l रामायण के हर
पन्ने में स्त्री शक्ति का उल्लेख है, सुर्पनखा की नाक काटने पर रावन ने अपनी बहन
का बदला लेने के लिये सीता माता को अपहरण कर लाये और सीता माता के इच्छा के विरोध
उनके साथ कुछ नहीं किया स्पर्श तक नहीं किया राम रावन का युद्ध का कारण सूपर्णखा
है l धर्मग्रंथो में स्वयंवर प्रथा का वर्णन युवतीओं को अपने विवाह के लिए वर चुनने
के अधिकार की पुष्टि करती है l ऐसी अनगिनत
कथाओं का उल्लेख जो अगर लिखीं जाये तो ख़त्म नही होगी l
हिन्दू ग्रंथों में बेटियों को बेटों से भी ज्यादा सम्मान मिला
है l हमारे ग्रंथो में राजकुमारियों का नाम उस देश या पिता के नाम से रखा जाता था l
उदाहरण देखिये :-
कौशल देश की राजकुमारी “कौशल्या”
कैकेय देश की राज कुमारी “कैकेयी”
सौमित्र देश की राजकुमारी “सुमित्रा”
जनक नंदिनी “जानकी”
मिथला की राजकुमारी “मैथेली”
द्रौपद राजा की पुत्री “द्रौपदी”
गांधार की राजकुमारी “गांधारी”
मद्र देश की राजकुमारी “माद्री”
कुंतभोज राजा की पुत्री “कुंती”
सत्यभाम राजा की पुत्री “सत्यभामा”
जम्वुबन राजा की पुत्री “जम्वुवती”
नग्नजित राजकुमारी “नग्नजिती” कितने उदाहराण दें ? जनेऊधारी राहुल गाँधी इन सब
बातों से अनभिज्ञ है l
हिन्दू धर्मग्रन्थ में कही भी बेटीओं की गर्भ में हत्या,
बलात्कार,दहेज़ के लिए प्रतारणा या हत्या जैसे शब्दों का उल्लेख नहीं है l हमारे धर्मग्रंथों
में दानव, राक्षसों ने देवी देवताओं से युद्ध किया उन्हें खूब परेशान करने की
अनगिनत कहानी है पर कही पर भी महिलायों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसी
किसी घटना का उल्लेख नहीं है l
आज हम कहा आ गये ? आज़ादी के 71 साल बाद देश में “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” जैसा अभियान चलाना पढ़ रहा
है l कभी सोचा है की ऐसा क्यूँ हुआ ?
अब हम सीधे भारत की वर्त्तमान स्थिति पर बात करते है, राहुल
गाँधी की माँ एक विदेशी महिला है, इस बात से क्या वह इंकार कर सकते है ? भारत में
उनको जो सम्मान मिला इतना सम्मान उन्हें दुनिया की किसी भी देश के प्रधानमंत्री की
बेटे से विवाह करने पर नहीं मिलता l उनकी माता सोनिया गाँधी की जन्मभूमि इटली में
विदेशियों के साथ किस तरह का व्यव्हार किया जाता है यह भारतीय जनेऊधारी पुरुष को
पता होना चाहिए l एक घटना उदाहरण के लिए उल्लेख कर रही हूँ:-
भारत की एक कलाकार सोनाली ने इटली के फिल्म डायरेक्टर के
साथ विवाह करके वह इटली चली गयी और साथ साथ इटली की नागरिक बन गयी l सोनाली ने 20
साल बाद इटली में एक छोटा निकाय चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार बनी, पर इटली सरकार
ने उनका चुनाव लड़ना रद्द कर दिया यह कहते हुए की सोनाली इटली की नागरिक हैं पर वह
इटालियन नहीं है l भारत में सोनिया गाँधी शान से सांसद का चुनाव लड़ रही हैं l
यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री बनने की ताजपोशी लगभग हो चुकी थी, अगर सुब्रमनियन
स्वामी जी नहीं होते तो सोनिया गाँधी देश की प्रधानमंत्री होती l कांग्रेस के बड़े-बड़े
नेता उनके पांव छूकर प्रणाम करते है, सम्मान करते हैं, ऐसी स्थिति में राहुल गाँधी
ने भारत के पुरुषो पर गंभीर आरोप लगाया है की वह महिलाओ का सम्मान नहीं करते l
कांग्रेस
के अनुभवी और क्षमतावान नेताओ को दरकिनार करके मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना कर
सत्ता की संपूर्ण शक्ति सोनिया गाँधी ने अपने हाथ में सुरक्षित रखा, कांग्रेस के
एक नेता ऐसा नहीं मिलेगा जिन्होंने सोनिया गाँधी का अपमान किया हो l हिन्दू
बहुसंख्यक देश में हिन्दुओं के विरोध में सोनिया गाँधी के निर्देश पर संसद में
कम्युनल बिल लाया गया l फिर भी हिंदुस्तान के पुरुष समाज ने उन्हें नहीं दुत्कारा
l कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब प्रणव मुखर्जी ने अपनी
पुस्तक में यह तो लिखा की सोनिया गाँधी हिन्दुओं से घृणा करती हैं, पर कभी उनका अपमान
नहीं किया l
राहुल गाँधी एक सुनियोजीत तरीके से देश को कलंकित करते आ
रहे हैं l कभी हिन्दुओ को,कभी हिन्दू धर्म को, कभी यहाँ की स्त्री शक्ति को, कभी
पुरुष समाज को l राहुल गाँधी धीरे-धीरे भारत की छवि कलंकित करके अंतराष्ट्रीय स्तर
पर भारत को नीचा दिखाना चाहते है l इसके पीछे उनकी क्या मंशा है यह समय के साथ ही पता
चलेगा l
कांग्रेस ने भारत में
“गरीबी हटाओ” नारा देकर 53 वर्ष राज किया और बाकि वर्ष विपक्ष में सशक्त भूमिका
में रही l जब विपक्ष में होते हैं तो गरीबी
हटाओ नारा लगा कर सत्ता हासिल करते हैं, सत्ता मिलते ही “गरीबी हटाओ” नारे को सुरक्षित
रख देते हैं और देश में विदेशी घुसपैठीयों, शरणार्थीयो को बसाने की कोशिश में
गरीबो के मुंह का निवाला छिनकर घुसपैठियों और शरणार्थियों को खिला देते हैं, उनका पहचान
पत्र बनाकर अपना वोट बैंक सुरक्षित करते हैं l
म्यांमार सरकार ने रोहिंगा मुसलमानों को आतंक मचाने की साजिश
में मार-मार कर भगा दिया, पर हमारे देश में ऐसे देश विरोधी गतिविधियों को बढाने
में कांग्रेस व उनके सहयोगी दलों की सरकार ने पूर्ण सहयोग किया l आज पुरे देश में करोड़ों
घुसपैठी शरणार्थी एक गरीब के निवाले के भागीदार बने हुए हैं l जनसँख्या कण्ट्रोल
पर कोई कानून नहीं बनाया यह शरणार्थी घुसपैठी जानवरों की तरह अपनी अबादी बढ़ाते चले
गये l जिससे देश में हर चीज़ की कमी होती जा रही है बेरोगारी, भुखमरी, अपराध,
हिंसा, दंगा लड़ाई दिनों-दिनों बढता चला गया, और यह सब इन चार सालो में नहीं हुआ l
राहुल गाँधी की पार्टी इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार है l अब अन्तराष्ट्रीय मंच पर
विवेकहीन की तरह बात करके अपनी ही छवि ख़राब कर रहे है l
राहुल गाँधी एक बलात्कार का विरोध करने अपनी बहन प्रियंका
वाड्रा के साथ इंडिया गेट गये थे, वहां उनकी बहन को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ता
द्वारा छेड़खानी करवा के उलटे पांव वापस लौटे l एक भाई, एक राजनितिक पार्टी के
अध्यक्ष होने के नाते इस व्यक्ति ने इस मामले में एक शब्द नहीं कहा ना कोई करवाई
की, यह सिर्फ कायरता थी, यहाँ राजनेता का कोई गुण राहुल गाँधी में नही दिखाई दिया अपनी
बहन को छेड़ने वाले के खिलाफ एक शब्द भी न बोलने वाले राहुल गाँधी महिला सुरक्षा की
बात करते हुए जरा भी लज्जित नहीं होते l भारत में राहुल गाँधी का जितना अपमान होता
है उतना किसी व्यक्ति का नहीं होता, वह स्त्री हो या पुरुष l पूरा देश उन्हें
मनोरंजन सामग्री की नज़र से देखता है l राहुल गाँधी जब से भाषण देने लगे है तब से
भारत में राहुल गाँधी का सबसे ज्यादा अपमान हुआ है न की महिलाओ का l
आगामी लेख राहुल गाँधी के इसी बयान के हिस्से पर आधारित है
l "कांग्रेस और महिला सुरक्षा"
रंजना देब l