- 1984 में इंदिरा गांधी के अस्थिकलश देश के 22 राज्यों (उस समय इतने ही राज्य थे) और 9 केंद्र शाषित प्रदेशों में स्पेशल ट्रेन और विमानों द्वारा भेजे गए थे, देश के सभी बड़े शहरों में इन अस्थिकलश का जुलूस निकाला गया था l
- ठीक उसी दिन के आस-पास दूरदर्शन पर देखा था, विमान में राजीव गांधी थे, सोनिया भी थीं, और उनके हाथ में इंदिरा जी का अस्थि कलश था जिसे विमान से हिमालय में बिखेरा गया था, अपने पिता जवाहर लाल नेहरू की तरह ये इंदिरा गांधी की अंतिम इच्छा थी कि उनकी राख हिमालय पर बिखेर दी जाए l
- अब बात 1991 की- वो भी चुनावी साल था और बीच चुनाव में राजीव गांधी की हत्या हो गई, बाकी दो दौर के चुनाव टाल दिए गए, इसी दौरान राजीव की अस्थियों से 35 कलश भरे गए, जिनमें से दो कलश एक स्पेशल ट्रेन से इलाहबाद भेजे गए, जिसमें तमाम कांग्रेस के नेता थे, जो हर स्टेशन पर लोगों का अभिवादन कर रहे थे l
बाकी के 33 अस्थिकलश देश के अलग-अलग शहरों में ले जाए गए और जनता के दर्शन के लिए इन्हे रखा गया l
- एक और बात- संजय गांधी तक के अस्थिकलश एक स्पेशल ट्रेन में इलाहाबाद तक ले जाए गए थे और हर स्टेशन पर एक-एक घंटा ट्रेन रोक कर लोगों को दर्शन करवाए गए।
- मुझे इस तरह के तर्क देना, बहस करना अच्छा नहीं लगता है l
किसी का दिल दुखा है तो माफी चाहती हूं।
रंजना देब l
रंजना देब l
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